न्यू दिल्ली: 21 मार्च को प्रवर्तन निदेशालय ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किया था। आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सोमवार को देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई हुई। केजरीवाल की दलीलें जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने सुनीं। मंगलवार को भी इस मामले की सुनवाई जारी रहेगी। हाई कोर्ट ने पहले ही केजरीवाल को झटका दिया था। Delhi High Court ने उनकी गिरफ्तारी को सही ठहराया।
अरविंद केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी से जस्टिस खन्ना ने पूछा कि क्या उन्होंने ट्रायल कोर्ट में जमानत की अर्जी नहीं दी है? सिंघवी ने इस पर कहा कि वे ऐसा नहीं करते हैं। न्यायाधीश ने कहा कि आप गिरफ्तारी और रिमांड का विरोध कर रहे हैं। मैं जानना चाहता हूँ कि जमानत की अर्जी क्यों नहीं दी गई।सिंघवी ने इसके जवाब में कहा, “क्योंकि गिरफ्तारी अवैध है।”’ ईडी के प्रवक्ता एसजी एसवी राजू ने कहा कि केजरीवाल ने कस्टडी का विरोध नहीं किया है।
सिंघवी ने कहा कि दिसंबर 2023 तक मेरा नाम दस दस्तावेजों (सीबीआई चार्जशीट और ED शिकायत) में नहीं था। सिंघवी ने कहा कि कोई गिरफ्तारी की जरूरत नहीं थी। सिंघवी ने आचार संहिता लागू होने के बाद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनाव से जोड़ा। केजरीवाल ने कहा कि मार्च 24 तक उन्हें ना तो आरोपी बनाया गया था और न ही संदिग्ध बताया गया था।
सिंघवी ने कहा कि सेक्शन 50 में कई बयान दर्ज किए गए हैं जिनमें उनका नाम नहीं था। इलेक्टोरल बॉन्ड भी उनका मुद्दा था। केजरीवाल ने कहा कि BSR Reddy ने अप्रैल में 17 बयान दिए और नाम लिया। Sharat Reddy ने नौ बयान दिए, जिसमें मेरे खिलाफ कोई आरोप नहीं थे। इन्हें एक अनरिलाइड डॉक्युमेंट में रखा गया था। आप 9 बयान को भूल जाते हैं और 10 बयान पर भरोसा करते हैं, ऐसा नहीं होना चाहिए। सिंघवी ने कहा, “आप चुन-चुनकर कार्रवाई करते हैं।” यह चूहे बिल्ली का खेल है।’
सिंघवी ने बताया कि एमएसआर ने दिसंबर 2022 से जुलाई 2023 के बीच बयान दिए, इसलिए मार्च 2024 में गिरफ्तारी हुई। सिंघवी ने केजरीवाल को आतंकवादी नहीं बताया। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने बताया कि वे अपने घर से गिरफ्तार किए गए हैं। सेक्शन 50 में बयान नहीं है। सिंघवी ने कहा, “अधिकतम आपके पास शरत रेड्डी का बयान है।” यदि मैं बयान को सेक्शन 50 के तहत नहीं देखता, तो विश्वास करने का कोई कारण नहीं है।इस पर जस्टिस खन्ना ने कहा कि यही एकमात्र दोष पर्याप्त नहीं था।
ईडी ने इस मामले में उनकी गिरफ्तारी को खारिज करने वाली उनकी याचिका पर दिए गए जवाबी हलफनामे में केजरीवाल ने कहा कि लोकसभा चुनाव से ठीक पहले उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया और अवधि एजेंसी की “मनमानी” के बारे में बहुत कुछ बताता है। उनका दावा है कि उन्हें गिरफ्तार करने का समय चुनाव से संबंधित आदर्श आचार संहिता था।